विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक इन दोनों नियुक्त अधिकारियों की देखरेख में ही इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र परिषद चुनाव 2019. 20 करवाया जाएगा। गौरतलब है कि इस वर्ष से इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की जगह पर छात्र परिषद चुनाव का मॉडल लागू किया गया है। रिटर्निंग ऑफिसर जल्द ही छात्र परिषद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेंगे।
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भाजपा सांसद ने दिया MHRD मिनिस्टर को ज्ञापन कहा पूरे देश में हो रही मोदी सरकार की बदमानी ,जानिए …. इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ चुनाव भारतीय राजनीति में बेहद लोकप्रिय माना जाता रहा है ।एशिया के सबसे पुराने छात्र में पहली बार छात्र परिषद का चुनाव होगा बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र संघ की स्थापना 1921 में हुई थी और इसके पहले अध्यक्ष 1923 में शिव गोपाल तिवारी निर्वाचित हुए। आजाद भारत में नारायण दत्त तिवारी पहले अध्यक्ष चुने गये थे। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ से पूर्व प्रधानमंत्री ,मुख्यमंत्री, राज्यपाल ,सांसद ,विधायक ,मंत्री रहे है । न के छात्र देश के राष्ट्रपति से लेकर व्युरोक्रेसी में अहम् पदों पर रहे है ।
बता दें कि विश्वविद्यालय में छात्रसंघ को बैंकर के छात्र परिषद का मॉडल लागू करने का विरोध लगातार जारी है विश्वविद्यालय कैंपस से लेकर सदन तक विश्वविद्यालय में छात्रसंघ की बहाली की मांग उठ रही है बीते दिनों कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने सदन में छात्र की बहाली की मांग की थी। शुक्रवार को सांसद विनोद सोनकर ने मानव संसाधन मंत्री Ministry of Human Resource Development, Government of India मंत्री Dr.Ramesh Pokhriyal Nishank को ज्ञापन दिया लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन किसी भी कीमत पर अपने निर्णय से हटने के मूड में नहीं दिख रहा है।